Gst e-way bill kese generate kare.
दोस्तो,
दोस्तो,
आज हम बात करेंगे ई वे बिल के बारे में ये क्या होता है और ये किस काम आता है और ये किस लिए बनाया जाता है और इसे को बनता है।
तो हेल्लो दोस्तो आइए बिना किसी देरी के बात शुरू करते है।
ई वे बिल दोस्तों ई वे बिल आप में से कई लोग जनता होंगे की ये बिल जब बनाया जाता हैकी तब कोई बिल 50000 की धनराशि या इससे ज़्यादा कि धनराशि में बनाया जाता है तो ई वे बिल बनाया जाता है ताकि जब माल रास्ते में का रहा होता है तो इसे दिखाकर माल को लेजा सकते है।
पर दोस्तों कई लोग ये नहीं जानते है की ई वे बिल भी कई तरह के होते है। अब आप सोचेंगे कि कैसे तो आयिए बताते है ।
1. लोकल का ई वे बिल
लोकल ई वे बिल से मतलब ये है कि जब कोई ई वे बिल बनता है तो उसमें दूसरी पार्टी की भी डिटेल डाली जाती है। वैसे तो ज़्यादा तर ये होता है कि पार्टी का जीएसटी नो. दाल देने से ई वे बिल कि साइट खुद ही सारी जानकारी उठा लेती है
2. अनरजिस्टर्स ई वे बिल.
दोस्तो अनरजिस्टर्ड ई वे बिल से मतलब ये है कि जब कोई रजिस्टर्ड पार्टी किसी अनरेगिस्टर्ड पार्टी को 50000 से उपर का मल बेचती है तो उसके लिए भी रजिस्टर्ड पार्टी को ई वे बिल बनाना पड़ता है।
3. एक्सपोर्ट ई वे बिल.
दोस्तो मेरी हैडिंग पढ़कर ही आप समझ गए होंगे कि में किस बारे में आपको बताना चाहता हूं।
एक्सपोर्ट ई वे बिल से मतलब ये है कि जब कोई माल कोई एक्सपोर्ट कंपनी एक्सपोर्ट करती है तो इस अवस्था में एक्सपोर्ट ई वे बिल बनाया जाता है अब आप सोच रहे होंगे कि एक्सपोर्ट ई वे बिल में जीएसटी नम्बर केसे डालेंगे जबकि बाहर तो जीएसटी है ही नही तो इसका जवाब ये है कि जीएसटी नम्बर नहीं पड़ेगा उस बिल में।
अब बात आती है कि ये बनाया क्यों जाता है और इसे बनता को है।
दोस्तो ई वे बिल वो कंपनी या व्यापारी या फर्म दुआर बनाया जाता है जो कि सेल कर रहा होता है
जैसे. आप किसी दूसरे व्यापारी को अपना माल बेच रहे है और वो आप से 50000 रुपी का या इससे ऊपर की धनराशि का माल खरीद रहा है तो इस अवस्था में आपको ई वे बिल बनाना होगा। ये ज़रूरी नहीं की सामने वाली पार्टी ई वे बिल नहीं बनाएगी अगर आप ई वे बिल नहीं बना सकते है तो दूसरी पार्टी भी उस मल का ई वे बिल बना सकती है ।
दोस्तो अगर आपको मेरी कही हर बात समझ आती हो तो मुझे एक अच्छी सी कमेंट कीजिए ताकि में आपके लिए से और भी पोस्ट लिख साकू और अगर आपको मुझसे कुछ जानना है तो आप मुझसे कमेंट करके पूछ सकते है में आपकी कमेंट का रिप्लाई जल्ड ही दूंगा।
धन्यवाद दोस्तों
पर दोस्तों कई लोग ये नहीं जानते है की ई वे बिल भी कई तरह के होते है। अब आप सोचेंगे कि कैसे तो आयिए बताते है ।
1. लोकल का ई वे बिल
लोकल ई वे बिल से मतलब ये है कि जब कोई ई वे बिल बनता है तो उसमें दूसरी पार्टी की भी डिटेल डाली जाती है। वैसे तो ज़्यादा तर ये होता है कि पार्टी का जीएसटी नो. दाल देने से ई वे बिल कि साइट खुद ही सारी जानकारी उठा लेती है
2. अनरजिस्टर्स ई वे बिल.
दोस्तो अनरजिस्टर्ड ई वे बिल से मतलब ये है कि जब कोई रजिस्टर्ड पार्टी किसी अनरेगिस्टर्ड पार्टी को 50000 से उपर का मल बेचती है तो उसके लिए भी रजिस्टर्ड पार्टी को ई वे बिल बनाना पड़ता है।
3. एक्सपोर्ट ई वे बिल.
दोस्तो मेरी हैडिंग पढ़कर ही आप समझ गए होंगे कि में किस बारे में आपको बताना चाहता हूं।
एक्सपोर्ट ई वे बिल से मतलब ये है कि जब कोई माल कोई एक्सपोर्ट कंपनी एक्सपोर्ट करती है तो इस अवस्था में एक्सपोर्ट ई वे बिल बनाया जाता है अब आप सोच रहे होंगे कि एक्सपोर्ट ई वे बिल में जीएसटी नम्बर केसे डालेंगे जबकि बाहर तो जीएसटी है ही नही तो इसका जवाब ये है कि जीएसटी नम्बर नहीं पड़ेगा उस बिल में।
अब बात आती है कि ये बनाया क्यों जाता है और इसे बनता को है।
दोस्तो ई वे बिल वो कंपनी या व्यापारी या फर्म दुआर बनाया जाता है जो कि सेल कर रहा होता है
जैसे. आप किसी दूसरे व्यापारी को अपना माल बेच रहे है और वो आप से 50000 रुपी का या इससे ऊपर की धनराशि का माल खरीद रहा है तो इस अवस्था में आपको ई वे बिल बनाना होगा। ये ज़रूरी नहीं की सामने वाली पार्टी ई वे बिल नहीं बनाएगी अगर आप ई वे बिल नहीं बना सकते है तो दूसरी पार्टी भी उस मल का ई वे बिल बना सकती है ।
दोस्तो अगर आपको मेरी कही हर बात समझ आती हो तो मुझे एक अच्छी सी कमेंट कीजिए ताकि में आपके लिए से और भी पोस्ट लिख साकू और अगर आपको मुझसे कुछ जानना है तो आप मुझसे कमेंट करके पूछ सकते है में आपकी कमेंट का रिप्लाई जल्ड ही दूंगा।
धन्यवाद दोस्तों
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